इनसाइडर ट्रेडिंग पर और सख्त हुआ SEBI, पहली बार शुरू किया कंपनियों का फिजिकल इंस्पेक्शन
Insider Trading: इनसाइडर ट्रेडिंग को लेकर सेबी ने और सख्ती कर दी है. सख्ती के लिए सेबी ने एक नया नियम बनाया है, जिसके तहत अब कंपनियों का फिजिकल इंस्पेक्शन शुरू कर दिया गया है.
Insider Trading: कैपिटल मार्केट रेगुलेटर सेबी की तरफ से इनसाइडर ट्रेडिंग (Insider Trading) को और सख्त नियम लाए जा सकते हैं. सेबी की ओर से इनसाइडर ट्रेडिंग को लेकर सख्ती और बढ़ गई है. इनसाइडर ट्रेडिंग को रोकने के लिए सेबी ने एक बड़ा कदम उठाया है. ज़ी बिजनेस को मिली जानकारी के मुताबिक, आज तक इंटरमीडिएट्री और एक्सचेंजों का फिजिकल इंस्पेक्शन होता था लेकिन अब सेबी (SEBI) ने कंपनियों को भी फिजिकल इंस्पेक्शन करना शुरू कर दिया है. सेबी (Securities Exchange Board of India) ने पहली बार कंपनियों का फिजिकल इंस्पेक्शन करने का फैसला किया है.
इनसाइडर ट्रेडिंग को लेकर सेबी सख्त
2020 में सेबी एक नया रेगुलेशन लेकर आई थी, जिसनें UPSI सूचना को स्ट्रक्चर्ड डिजिटल डाटाबेस के तौर पर रखने की बात कही गई थी. अब स्ट्रक्चर्ड डिजिटल डाटाबेस (SDD) की जांच के लिए स्टॉक एक्सचेंजों को फिजिकल इंस्पेक्शन का निर्देश दिया गया है. अब सेबी की तरफ से BSE-NSE दोनों ही एक्सचेंजों को लगभग टॉप 200 कंपनियों के स्ट्रक्चर्ड डिजिटल डाटाबेस की जांच करने का आदेश दिया गया है और ये काम इस साल के दिसंबर महीने तक पूरा करना है.
✨#ZBizExclusive | इनसाइडर ट्रेडिंग पर SEBI की सख्ती
— Zee Business (@ZeeBusiness) November 17, 2022
🔸SEBI ने पहली बार कंपनियों का फिजिकल इंस्पेक्शन शुरू किया
🔸स्ट्रक्चर्ड डिजिटल डाटाबेस की जांच के लिए स्टॉक एक्सचेंजों को फिजिकल इंस्पेक्शन का निर्देश
जानिए पूरी खबर तरूण शर्मा से@talktotarun #InsiderTrading @SEBI_India pic.twitter.com/QIvbhMhhRA
मार्च तक 400 कपनियों की करनी है जांच
इसके अलावा टॉप 400 कंपनियों की जांच का टारगेट अगले साल मार्च महीने तक के लिए दिया गया है. बता दें कि देश के एक बड़े होटल की जांच पहले ही हो चुकी है. बता दें कि इनसाइडर ट्रेडिंग पर रोक लगाने के लिए सेबी की ओर से ये कदम उठाया गया है.
सेबी ने क्यों लिया ये फैसला?
TRENDING NOW
6 शेयर तुरंत खरीद लें और इस शेयर को बेच दें; एक्सपर्ट ने निवेशकों को दी कमाई की स्ट्रैटेजी, नोट कर लें टारगेट और SL
इस कंपनी को मिला 2 लाख टन आलू सप्लाई का ऑर्डर, स्टॉक में लगा अपर सर्किट, 1 साल में 4975% दिया रिटर्न
टिकट बुकिंग से लेकर लाइव ट्रेन स्टेटस चेक करने तक... रेलवे के एक Super App से हो जाएगा आपकी जर्नी का हर काम
Retirement Planning: रट लीजिए ये जादुई फॉर्मूला, जवानी से भी मस्त कटेगा बुढ़ापा, हर महीने खाते में आएंगे ₹2.5 लाख
मार्केट रेगुलेटर सेबी ये जानना चाहता है कि कंपनियों की ओर से SDD कलेक्शन सही से हुआ है या नहीं. इसके लिए सेबी पहली बार कंपनियों का फिजिकल इंस्पेक्शन कर रहा है ताकि इनसाइडर ट्रेडिंग जैसे फ्रॉड पर रोक लगाई जा सके.
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
SDD (स्ट्रक्चर्ड डिजिटल डाटाबेस) क्यों जरूरी?
सेबी की ओर से ये प्रक्रिया शुरू हो चुकी है क्योंकि दिसंबर तक टॉप 200 कंपनियों का फिजिकल इंस्पेक्शन करना है. बीएसई-एनएसई के अधिकारी ये काम कर रहे हैं. बता दें कि UPSI की सूचना जिसके साथ भी शेयर की जा रही है, उसका एक डाटा रखना होता है. 2020 के रेगुलेशन को कंपनियां कितनी गंभीरता के साथ ले रही हैं, इस पर कंपनियों से बात करके ही जानकारी मिल सकती है.
क्या होता है UPSI?
UPSI मतलब अनपब्लिश्ड प्राइस सेंसेटिव इन्फॉर्मेशन. ऐसी सूचना, जो अभी तक पब्लिक डोमेन में नहीं आई है और ये कुछ ही लोगों को पता है. इतना ही नहीं ये सूचना प्राइस सेंसेटिव है, यानी कि इससे शेयर की कीमत पर असर पड़ सकता है.
04:36 PM IST